Thursday, 31 March 2011

भ्रष्ट देशों की सूची में बढा भारत राष्ट्रमंडल खेलों ने दुनियाभर में की छवि खराब ओ.पी. पाल

भ्रष्ट देशों की सूची में बढा भारत
राष्ट्रमंडल खेलों ने दुनियाभर में की छवि खराब

ओ.पी. पाल

दुनिया में सोमालिया लगातार सबसे बड़ा भ्रष्ट देश बना हुआ है, जिसके बादअफगानिस्तान व इराक जैसे देश आते हैं। पाकिस्तान भी लगातार इसी रफ्तार सेभ्रष्टाचार देश की सूची में ऊपर आ चुका है, लेकिन राष्टÑमंडल खेलों कीतैयारी में जिस प्रकार का घोटाला हुआ है उससे भारत पीछे जाने के बजाए ऊपरआया है।ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल लगातार भ्रष्ट देशों की रैंकिंग तैयार करने केलिए सर्वेक्षण करता रहा है, जिसमें उसके ताजे सर्वेक्षण में अभी भीसोमालिया लगातार दुनिया का सबसे भ्रष्ट देश बना हुआ है, लेकिनराष्ट्रमंडल खेलों की तैयारियों ने देश की छवि को दुनिया में खराब कियाहै इसे इंकार नहीं किया जा सकता। हालांकि सोमालिया के बाद भ्रष्ट देशोंमें अफगानिस्तान और इराक जैसे देशों के नाम आते आते ह। बर्लिन स्थित गैरसरकारी संगठन ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के ताजा सर्वे के के अनुसार भारतमें भी एक साल पहले की तुलना में भ्रष्टाचार में इजाफा हुआ है। इस संगठनद्वारा कराए गये ताजा सर्वे के नतीजों पर नजर डालें तो दुनिया मेंभ्रष्टाचार की गंभीर समस्या को इंगित करते हैँ। इस भ्रष्टाचार जैसे कैंसरसे बहुत से गरीब और जरूरतमंद लोगों को ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ रही है।संगठन के नतीजे तो यही कहते हैँ कि भ्रष्टाचार की समूची अंतर्राष्ट्रीयस्थिति बेहद की चिंताजनक है। भ्रष्ट देशों की सूची देखें तो सोमालिया केबाद अफगानिस्तान व म्यांमार दूसरे स्थान पर रखा गया है, जबकि इराक सबसेभ्रष्ट देशों में चौथे नंबर पर है। इस सर्वेक्षण के अनुसार जो किसी देशके अस्थिर होने की दर भ्रष्टाचार के ग्राफ को बढ़ाती रही है। ऐसे मेंविश्व समुदाय पर इस बात की जिम्मेदारी आती है कि वह तथाकथित विफलराष्ट्रों में भरोसेमंद सरकारी ढांचा तैयार करने में मदद करें। दूसरी तरफडेनमार्क, न्यूजीलैंड और सिंगापुर में सबसे कम भ्रष्टाचार दर्शाया गयाहै। इनके बाद फिनलैंड, स्वीडन, कनाडा और नीदरलैंड्स का नंबर आता है। जबकिचिली, इक्वाडोर, मेसेडोनिया, कुवैत और कतर को अलग से ऐसे देशों में रखागया है जिसमें भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम में कामयाबी मिली है।सबसे कम भ्रष्टाचार के मामले में अमेरिका को 178 देशों में 22वें पायदानपर रखा गया है जबकि चीन व ग्रीस 78वें और इटली 67वें स्थान पर आते हैं।इस सर्वेक्षण में भारत में भ्रष्टाचार की स्थिति एक साल पहले के मुकाबलेऔर गंभीर हुई है। जहां पिछले साल भारत 84वें स्थान पर था, वहीं इस सालतीन पायदान खिसक कर 81वें स्थान पर आ गया है, यदि ईमानदारी की दर देखेंतो इसे 3.3 अंक के साथ 87वां स्थान भी कहा जा सकता है। इसमें चीन 78वेंस्थान पर यानी भारत से बेहतर स्थिति में है। हालांकि पाकिस्तान पिछले सालके मुकाबले कहीं ज्यादा खिसकते हुए 42वें स्थान से आठ पायदान ऊपर चढ़कर34वें स्थान पर पहुंच गया है। सर्वेक्षण के मुताबिक भ्रष्टाचार के कारणबदनाम हुए राष्ट्रमंडल खेलों का असर देश की छवि पर भी पड़ा है। यह सच हैकि ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की सूची में राष्ट्रमंडल खेलों मेंभ्रष्टाचार की रिपोटों का असर देश में भ्रष्टाचार को लेकर आम धारणा परपड़ा है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया के अध्यक्ष पीएस बावा का कहना हैकि भारत के ईमानदारी अंक तथा पायदान दोनों घटे हैं जो खेदजनक व चिंताजनकहै। ऐसा लगता है कि दक्ष प्रशासकों के बावजूद भारत में प्रशासन का स्तरनहीं सुधरा है। गौरतलब है कि यह इंडेक्स शून्य से 10 अंक के आधार परनिर्भर करता है और इसमें भ्रष्टाचार तथा भ्रष्ट गतिविधियों पर नियंत्रणकी सरकार की क्षमता को ध्यान में रखा जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है किदिल्ली में हाल ही में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में व्यापक भ्रष्टाचार कीरिपोटों का नकारात्मक असर देश की छवि पर पड़ा है। यह भी सनद है किकेंद्रीय सतर्कता आयोग, प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग तथा कैग सहित अनेकसंस्थाएं इन खेलों में भ्रष्टाचार की जांच में जुटी हैं।पायदान चढ़ा भारतराष्ट्रमंडल खेलों ने दुनियाभर में की छवि खराबओ.पी. पालदुनिया में सोमालिया लगातार सबसे बड़ा भ्रष्ट देश बना हुआ है, जिसके बादअफगानिस्तान व इराक जैसे देश आते हैं। पाकिस्तान भी लगातार इसी रफ्तार सेभ्रष्टाचार देश की सूची में ऊपर आ चुका है, लेकिन राष्टÑमंडल खेलों कीतैयारी में जिस प्रकार का घोटाला हुआ है उससे भारत पीछे जाने के बजाए ऊपरआया है।ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल लगातार भ्रष्ट देशों की रैंकिंग तैयार करने केलिए सर्वेक्षण करता रहा है, जिसमें उसके ताजे सर्वेक्षण में अभी भीसोमालिया लगातार दुनिया का सबसे भ्रष्ट देश बना हुआ है, लेकिनराष्ट्रमंडल खेलों की तैयारियों ने देश की छवि को दुनिया में खराब कियाहै इसे इंकार नहीं किया जा सकता। हालांकि सोमालिया के बाद भ्रष्ट देशोंमें अफगानिस्तान और इराक जैसे देशों के नाम आते आते ह। बर्लिन स्थित गैरसरकारी संगठन ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के ताजा सर्वे के के अनुसार भारतमें भी एक साल पहले की तुलना में भ्रष्टाचार में इजाफा हुआ है। इस संगठनद्वारा कराए गये ताजा सर्वे के नतीजों पर नजर डालें तो दुनिया मेंभ्रष्टाचार की गंभीर समस्या को इंगित करते हैँ। इस भ्रष्टाचार जैसे कैंसरसे बहुत से गरीब और जरूरतमंद लोगों को ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ रही है।संगठन के नतीजे तो यही कहते हैँ कि भ्रष्टाचार की समूची अंतर्राष्ट्रीयस्थिति बेहद की चिंताजनक है। भ्रष्ट देशों की सूची देखें तो सोमालिया केबाद अफगानिस्तान व म्यांमार दूसरे स्थान पर रखा गया है, जबकि इराक सबसेभ्रष्ट देशों में चौथे नंबर पर है। इस सर्वेक्षण के अनुसार जो किसी देशके अस्थिर होने की दर भ्रष्टाचार के ग्राफ को बढ़ाती रही है। ऐसे मेंविश्व समुदाय पर इस बात की जिम्मेदारी आती है कि वह तथाकथित विफलराष्ट्रों में भरोसेमंद सरकारी ढांचा तैयार करने में मदद करें। दूसरी तरफडेनमार्क, न्यूजीलैंड और सिंगापुर में सबसे कम भ्रष्टाचार दर्शाया गयाहै। इनके बाद फिनलैंड, स्वीडन, कनाडा और नीदरलैंड्स का नंबर आता है। जबकिचिली, इक्वाडोर, मेसेडोनिया, कुवैत और कतर को अलग से ऐसे देशों में रखागया है जिसमें भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम में कामयाबी मिली है।सबसे कम भ्रष्टाचार के मामले में अमेरिका को 178 देशों में 22वें पायदानपर रखा गया है जबकि चीन व ग्रीस 78वें और इटली 67वें स्थान पर आते हैं।इस सर्वेक्षण में भारत में भ्रष्टाचार की स्थिति एक साल पहले के मुकाबलेऔर गंभीर हुई है। जहां पिछले साल भारत 84वें स्थान पर था, वहीं इस सालतीन पायदान खिसक कर 81वें स्थान पर आ गया है, यदि ईमानदारी की दर देखेंतो इसे 3.3 अंक के साथ 87वां स्थान भी कहा जा सकता है। इसमें चीन 78वेंस्थान पर यानी भारत से बेहतर स्थिति में है। हालांकि पाकिस्तान पिछले सालके मुकाबले कहीं ज्यादा खिसकते हुए 42वें स्थान से आठ पायदान ऊपर चढ़कर34वें स्थान पर पहुंच गया है। सर्वेक्षण के मुताबिक भ्रष्टाचार के कारणबदनाम हुए राष्ट्रमंडल खेलों का असर देश की छवि पर भी पड़ा है। यह सच हैकि ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की सूची में राष्ट्रमंडल खेलों मेंभ्रष्टाचार की रिपोटों का असर देश में भ्रष्टाचार को लेकर आम धारणा परपड़ा है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया के अध्यक्ष पीएस बावा का कहना हैकि भारत के ईमानदारी अंक तथा पायदान दोनों घटे हैं जो खेदजनक व चिंताजनकहै। ऐसा लगता है कि दक्ष प्रशासकों के बावजूद भारत में प्रशासन का स्तरनहीं सुधरा है। गौरतलब है कि यह इंडेक्स शून्य से 10 अंक के आधार परनिर्भर करता है और इसमें भ्रष्टाचार तथा भ्रष्ट गतिविधियों पर नियंत्रणकी सरकार की क्षमता को ध्यान में रखा जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है किदिल्ली में हाल ही में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में व्यापक भ्रष्टाचार कीरिपोटों का नकारात्मक असर देश की छवि पर पड़ा है। यह भी सनद है किकेंद्रीय सतर्कता आयोग, प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग तथा कैग सहित अनेकसंस्थाएं इन खेलों में भ्रष्टाचार की जांच में जुटी हैं।

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